=> होली से पहले सज गयी दुकाने


 
सुनील कुमार, मुज़फ्फरनगर

                                 होली यूं तो रंगों का त्यौहार है मगर इसे आज कल भारतीय परम्परा के साथ इसलिए भी ज्यादा सम्मान मिलता है क्योंकि इसका सम्बन्ध धर्म से है। भारत विभिन्न रंगों और परम्पराओं को समेटे हुए आज विदेशों में अपना ख़ास मुकाम बनाए हुए है मगर अफसोस यह है की हमारी नयी पीढ़ी अपने इस मुकाम को संभालने में असफल सिद्ध हो रही है, इसका कारण समय की विसंगतियां और जीवन में हर पल प्रतिस्पर्धा का होना बताया जा रहा है। होली में भारत की इस परम्परा में चार चाँद लग जाता है जब शहर में मिठाइयों की दुकानों पर खुसबू और स्वाद का मिला जुला असर नजर आता है। बहरहाल होली के इस अवसर पर मिठाइयों एवं रंगों क खास महत्त्व होता है, त्यौहार के आते ही दुकानों में तरह-तरह की मिठाइयाँ नमकीन, गुझिया को विभिन्न अंदाज में परोसने का अपना हि मज़ा है।
                                   मुजफ्फरनगर स्थित 'नंदी पराडाइज' पिछले आठ वर्षों से अपनी खासियत और परम्परा के मुतावित इस बार भी चार प्रकार की गुझिया, बिस्किट, नमकीन और अन्य मिठाइयों के विशेष स्वाद के साथ लोंगो को होली का ख़ास तोहफा देने की तैयारी में है। 'मूलचंद स्वीट्स' एवं 'मदन लाल स्वीट्स' अपने तेवर में तो हैं ही इसके अलावा ग्राहकों के लिए पिछले चार पीढ़ी से मुजफ्फरनगर वासियों की सेवा में चला आ रहा 'श्री राम स्वीट्स' समोसे के लिए विशेष तौर पर जाना जता है। यही पर स्थित 'जैन स्वीट्स' व 'श्री श्यामा नन्द स्वीट्स' से बात करने पर मालूम हुआ की होली पर हर बार ग्राहकों के लिए विशेष छूट और मिठाइयों की नइ वैराइटी का भी आनंद मिलता है। इसके अलावा सन १९९८ से चल रही 'गर्म स्वीट्स' ने बताया की ग्राहकों में ज्यादा मांग गुझिया, समोसे और हर बार कुछ नयी वैराइटी की मांग उठती है।

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