नई पीढ़ी साप्ताहिक समाचार पत्र के विशेष एनसीआर संस्करण की लांचिंग के अवसर पर साहित्यिक परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया। नई पीढ़ी मेरठ के मुद्दों को लेकर एक ऐसी पहल है जो मेरठ के अखबारों में अपनी एक सकारात्मक पहचान बनाने के साथ युवाओं को उचित मार्ग पर चलने की प्रेरणा देगा क्योंकि आज के समाचार पत्रों का ज्यादा से ज्यादा ध्यान धन की प्राप्ति करने के साथ अभ्रद विज्ञापन और फोटों को प्रकाशित करने में है। समाचारों पत्रों की ऐसी दयनीय स्थिति से कोसों दूर नई पीढ़ी समाचार पत्र सभी व्यक्तियों में उचित विचारधारा के साथ समाचार का प्रकाशन कर राष्ट्र का अभिमान प्राप्त करने में सफल हों। मां शारदे का नमन करते हुए कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी पर कई कार्यक्रम कर चुके ललित तारा ने किया। मेरठ के मशहूर कवियों और शायरों ने कार्यक्रम में शिरकत कर नई पीढ़ी समाचार पत्र को काव्यात्मक रूप से ढ़ेरों बधाई दीं। 
 
डा ज्ञानेंद्र बनें कार्यक्रम के केंद्र बिंदु 
                                          कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा ज्ञानेंद्र शर्मा रहें कार्यक्रम में इनके साथ एक मुख्य बात यह रहीं कि मेरठ कालेज में प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति की बात को साझा कर इंहोने अपनी खुशी का इजहार किया। नई पीढ़ी के लिए दो शब्द कहते हुए इंहोने कहा कि क्रांतिधरा के लिए नई पीढ़ी अखबार बहुत बड़ा ऐतिहासिक प्रयास है। एक बार फिर से जनजागरण होगा औैर युवा इसमें अपना सहयोग देकर देश को समृ़िद्ध प्रदान करेंगंे। 

कवियों और साहित्यकारों ने की दिल से शिरकत 
                                            इलाहाबाद हाईकोर्ट में अधिवक्ता के पद पर कार्यरत डाॅ0 नीलकमल शर्मा कार्यक्रम के अध्यक्ष रहें, जबकि ईश्वर चंद्र गंभीर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहें। साथ ही कार्यक्रम में वीरेश त्यागी, शान्ति स्वरूप गुप्ता, कवि रामचंद्र रमेश, राजकुमार शर्मा राज, ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वहीं सुभारती विवि0 के डाॅ0 मोहन गुप्ता, डा युसूफ खान, डा युनुस खान, गुरमीत साहनी, सुलक्षणा अंजुम, अजय शर्मा, अनिल, शान्ति स्वरूप अनाड़ी, प्रदीप सरावा, भी कार्यक्रम में अपनी कविताओं के साथ पहुंचें। युवा कवियों मंे पुजा रावत,  आदर्शिनी श्रीवास्तव,  आईआईएमटी रेडिओ के डायरेक्टर विवेक चौधरी और कुमार पंकज, शचींद्र शेखर ने समारोह की शोभा बढ़ाई। इस दौरान इंजीनिअर सुधीर प्रकाश एवं डॉ नील कमल शर्मा का सराहनीय योगदान रहा।

काव्य वो है जिसें कहें बिना रहा न जाएं
                                            रामचंद्र वैश्य ने अपने शब्दों में नई पीढ़ी के सम्बोधन में कहा कि 
जो नई पीढ़ी का ध्यान रखें वो ही सबका सुखचिंतक है, 
 सभी की चाहत आशा हों वो ही सबकी हिम्मत है,,
शान्ति स्वरूप अनाड़ी ने पाकिस्तान की अभद्रता देखते हुए तीखे स्वर में कहा, 
सिर के बदलें सिर, लात के बदलें लात पाकिस्तान तुम्हें दिखा देंगंे तुम्हारी औकात। 
युसूफ युगल ने देश में बढ़ते आतंकवाद, किसान आंदोलन, घोटालों और यौन उत्पीड़न पर काव्य पंक्ति प्रस्तुत की साथ ही अखबारों पर शायरी करते हुए कहा, 

"हिन्दुस्तान, अमर उजाला या नई पीढ़ी, जागरण 
घर बैठे दिखा रहें है ये संसार देखिए, 
निकला है आज का अखबार देखिए"

                                     साथ ही आदर्शिनी श्रीवास्तव ने भी अपनी सुरीली वाणी में ’’रंग में भीगी हूं प्यार अभी बाकी है’’ काव्य पंक्तियां प्रस्तुत कर सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। 
युवा कवि विवेक चौधरी ने नई पीढ़ी को अपनी शुभकामना देते हुए काव्य स्वर में आत्मविश्वास के साथ कहा चांद को लक्ष्य बनाओं यदि चुक भी जाओं तो तारा बन जाओं  
पुजा रावत ने बहुत ही स्पष्ट शब्दों में शायराना मिजाज में कहा 
"रोशनी कि अब किसी को जरूरत नहीं,असत्य का जिसने दुशाला पहना उसका सम्मान होता रहा 
और जिसने सच का दुशाला पहना वो भरी सभा में बार बार अचंभित होता रहा।"
हिंदी, उर्दू और अग्रेंजी तीनों भाषाओं की ज्ञाता सुलक्षणा अंजुम ने नई पीढ़ी समाचार पत्र को शुभकामना और प्रेम से ओतप्रोत शायरी बयां करते हुए इन्होने कहा कि आज हम युवा पीढ़ी को कोसते रहते है कि ये सड़कों पर ईधर उधर धूल फांकते रहते हैं अगर गहराई में जाकर देखें तो इनके सामने बेरोजगारी और महंगाई जैसी समस्याओं से फुरसत ही नहीं मिलती कि वो कहीं दिल लगाएं। यहीं कारण है कि-
"नौजवान पीढ़ी को फिक्र रोजी रोटी की,
नौजवान पीढ़ी से अशिकी नहीं होती"

                                   डा0 सुदेश यादव जख्मी ने होली पर प्यार के भरें मुक्तक की प्रस्तुत कर सब के मन में होली की उत्सुकता को दुगना की दिया। 
"न जाओ छोड़कर हमको, सनम इस बार होली में,
मिटा दो नफरतें दिल से, मिला दो प्यार बोली में,
अगर बन जाये तू राधा, तो मैं बन जाउंगा कान्हा,
अमर हो जायेगा ये प्यार भी इस बार होली में।"
साथ ही कवि राजकुमार शर्मा ने होली पर अपनी मस्ती भरी कविता को सुनाकर दिल में नई उमंग भरने का प्रयास किया।
"हर चेहरे सजी रंगोली है, उल्लास हास की बोली है
मस्ती की मस्त ठिठोली है, देवर भाभी की मुहं बोली है
जीजा साली की आंख मिचैली है, गुलाल गाल की हम जोली है
पिचकारी की मादक गोली है, अक्षत चंदन रोली है
उमंग तरंग की टोली है, दिल की खिड़की खोली है
भीगी चूनर चोली है, प्यार भरी ये होली है"
                                      कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों ने नई पीढ़ी समाचार की सराहना करते हुए अपने विचार व्यक्त किए और कहा यह भी कहा कि यह समाचार पत्र नई सोच, नया शिक्षक, विद्या और ज्ञान के साथ प्रकाश करता रहेंगा। कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त नई पीढ़ी टीम मेरठ का पूरा सहयोग रहा।