=> मेरठी पुलिस क्या न कर दे !



त्रिनाथ मिश्र की रिपोर्ट

मेरठ वैसे तो विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति शिखर पर दर्ज कराता आ रहा है मगर पुलिस विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिहन के मामले में शायद अब मौक़ा आया है। मेरठी पुलिस को सही गलत से तो मतलब है ही साथ ही ये पीड़ित व आरोपी पक्ष की जेब, पहनावे, बिजनेस व पत्नियों तक पहुँचने में कोई कोर कसर नही छोड़ते, पिछले दिनों तमाम ऐसे वाकये प्रकाश में आये जिससे पुलिस प्रसाशन पर आरोपों की झड़ी लगी रही- जिसका जवाव स्वयं पुलिस भी नहीं दे पाती।आइये पिछले दिनों घटित ऐसी कुछ घटनाओं पर प्रकाश डालते है-

 थाना नौचंदी। 
आरोपी को छोड़ दिया- एसओ ने कहा मुझे जानकारी नहीं, जमकर हंगामा
                                                     उप्र का पहला 'हाईटेक थाना' के नाम से जाना जाने वाला यह थाना कमाई के लिहाज से ख़ास मायने रखता, यहाँ पर आने वाले मामलो को 'मुर्गा' आ गया की तर्ज पर ट्रीट किया जाता है। पिछले साल भर में यहाँ पर एसओ पर रिश्वतखोरी के कई मामले प्रकाश में आये, मगर कुछदिन पहले की घटना ने तो बिलकुल हद ही कर दी। मामला है सपा नेता के भतीजे की स्कार्पियों में टक्कर मारने व विरोध करने पर घसीटकर पीटने का। लिसाडी गेट थाना क्षेत्र के इस्लामावाद मोहल्ले के सभासद आदिल अन्सारी का भतीजा तंजीम, दिलशाद व उसके दोस्त स्कार्पियो से कहीं जा रहे थे, पीछे से आ रहे टेम्पो ने उसमे टक्कर मार दी, इस पर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गयी तथा टेम्पो ड्राइवर ने कुछ सहयोगियों की मदद से तंजीम पक्ष पर जानलेवा हमला कर उसे लहूलुहान कर दिया। टेम्पो चालाक को उसके साथियों के साथ पकड़ कर मौके पर पहुंची फैंटम को सौप दिया गया मगर थोड़ी ही देर में बिना जांच-पड़ताल किये ही आरोपी को छोड़ दिया गया, इसी बात पर हंगामा हो गया। मौके पर एसपी सिटी ओम प्रकाश, सीओ सिविल लाइन विकाश चन्द्र त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल आ धमका।  पीड़ित पक्ष की ओर से सपा नेता रफीक अंसारी सहित अन्य नेता भी आ गए जिन्होंने पुलिस से जमकर झड़प की। 

पुलिस के पास नही था जवाब :
                                                     इस 'हाईटेक कांड' के बाद एसओ नौचंदी को पसीना आ गया, एसपी सिटी ओम प्रकाश व सीओ विकाश चंद त्रिपाठी भी बगलें झांकते नजर आये। आरोपी को छोड़ने की सूचना एसओ को नहीं है, की बात सुनकर पब्लिक भी नाराज होने लगी। थोड़ी ही देर में आरोपी थाने के पिछले गेट से अन्दर बुला लिया गया तथा मुकदमा दर्ज कर कार्यवाई के अस्वासन पर ही मामला शांत हुआ।

 थाना भावनपुर। 
चोरी की गाडी से घूमते हैं एसओ:
                                                      चोरी की गाडी से चलना आम आदमी के लिए नियम विरुद्ध है मगर पुलिस वालों के लिए शायद नहीं। तभी तो एसओ भावनपुर आईजी साहब की मीटिंग में दरोगा पर हमले में प्रयुक्त चोरी की स्कार्पियो लेकर पहुंचे, इस बाबत पॊञ्चे जाने पर उन्होंने सफाई दी की मीटिंग में समय पर पहुँचने हेतु मैंने गाडी का प्रयोग किया। आईजी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्यवाई के सख्त निर्देश दिए हैं, और कहा की पुलिस नियमों को ताक पर रखकर पब्लिक को सकारात्मक सन्देश नही दे सकती।

 थाना सदर। 
जब सोतीगंज से घबराये इन्स्पेक्टर:
                                                      दिल्ली टूरिज्म कंपनी की कैब चोरी होने पर उसकी लोकेसन सोतीगंज पायी गयी, जब इस बात की सूचना इन्स्पेक्टर सदर मुनेन्द्र यादव को दी गयी तो उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा की, 'गाडी यदि सोतीगंज चली गयी तो मेरे बस की नहीं है वहा से बरामद करना।" इन्स्पेक्टर के इस बात से बवाल होने तो बच गया मगर मेरठी पुलिस पर 'वाहन कमेला' नाम से मसहूर सोतीगंज के नाम से डर जाने का ठप्पा तो लग ही गया।

 थाना कंकरखेडा। 
आरोपी छूट जाता है एसओ को पता नहीं चलता:
                                                       १-अप्रेल को जवाहर्पुरी निवासी विजयपाल के यहाँ से मोबाइल चोरी की सूचना पर दबिश देकर चोर को पकड़ लिया गया मगर रात में ही अपने आदत के अनुरूप पुलिस ने सेटिंग कर आरोपी को छोड़ दिया, एसओ कंकरखेडा से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया की आरोपी छूटने की बात संज्ञान में ही नही है! बताओ भला, फिर किस बात के इंचार्ज?

 थाना ब्रह्मपुरी।  
ठाने से मोबाइल, अंगूठी व पर्स गायब:
                                                        फेसबुक पर अश्लीलता फैलाने वाले व देवी-देवताओं के चित्रों में फेरबदल कर शहर की फिजा व अमन बिगाड़ने वाले अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया, थाने से जाते समय जब उन्होंने अपने पर्स, अंगूठी व मोबाइल मांगे तो थाने पर मौजूद सिपाही ने एक मोबाइल पकड़ाकर चलता होने की बात कह दिया तथा बताया की अन्य कोई भी मोबाइल नहीं है जबकि हवालात में जाते वक़्त सारे सामान पुलिस के कब्जे में दे दिए जाते हैं।  

 गृहकर चोरी में भी आगे।   

                                                         उपरोक्त तमाम वाकया पढ़ने के बाद लगे हाथ एक और बात बताते चलें की पुलिस का काम और आत्मविश्वास हर जगह कायम है और रहेगा भी। इस बात का प्रमाण हाल ही में मिल गया जब चोरी में मेरठी पुलिस का नाम सामने आया। लखनऊ में आयोजित बैठक में नगर विकाश विभाग के सचिव सीबी पालीवाल ने मेरठ समेत अन्य जनपदों के गृहकर चोरों की लिस्ट उजागर की जिसमे मेरठी पुलिस की उपस्थिति दर्ज है। नगर आयुक्त मेरठ अब्दुल सबद के मुताबित मेरठ के कुल बकाया 12करोड़ वसूलने हेतु गृहकर चोरो को नोटिस भेज दिया गया है मगर अभी तक बकाया जमा नही हो सका है।
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बकाया 
 एसओ कंकरखेडा पर 1.32 लाख। 
 एसओ परतापुर पर 54 हज़ार। 
 पुलिस आवास विकाश निगम पर 13.24 लाख। 
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पुलिस को बधाई!
मुर्दा हुआ जिन्दा, एसएसपी हुए चकित                                                 

एसएसपी समेत अन्य अधिकारी उस समय चकित हो गए जब मुर्दा बदमाशों के जिन्दा होने का प्रमाण मेरठी पुलिस ने दिखा दिया, बदमाशों की सूची में भी मेरठी पुलिस हेरफेर कर वाहवाही लूटने के चक्कर आला अधिकारियों को नमकीन हंसी का अनुभव हुआ। दरअसल क्राइम कंट्रोल को लेकर शहर में सक्रिय बदमाशों की सूची एसएसपी दीपक कुमार ने तलब की जिसमे 42 गिरोह के कुल 270 बदमासों में से लगभग 70 क्रिमिनलों ने धरती का बोझ हल्का कर दिया है, मगर आश्चर्य इस बात का है की इन मृतक बदमाशों को पुलिस ने आज भी जिन्दा कर रखा है तथा बाकायदा फ़ाइल भी मेंटेन होती है। ट्रेनी आईपीएस स्वप्निल ममगई को इस केश की बागडोर दी गयी है जिसे वे सही करने में जुट गए है।

कुछ दिन पहले ही फरमा गए साहब!
पुलिस नम्र व्यवहार वरते: एडीजी-अरुण कुमार 

सर्किट हाउस में कुछ दिन पहले ही पुलिस की बैठक कर एडीजी अरुण कुमार हिदायत दे गए थे की पुलिस जनता के साथ नम्र व्यवहार वरते तथा सामुदायिक पुलिशिंग का बढ़ावा दे। थाने पर आये हर व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज करें, अच्छा वर्ताव करें ताकि कानून और पुलिस पर का विश्वास बढे। मगर आज भी न जाने क्यों जनता थाने पर जाने से और रिपोर्ट लिखवाने से घबराती है?

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