जीत कर इलेक्शन खास हो गया है
कल तक कमरा था किराए का
आज कोठी है अपनी,
देखिये ना कितना विकास हो गया है।
(हमारा क्या विकास हुआ?)
चोरी बढ़ी डकैती बढ़ी अपह्ररण बढ़े बल्लातकार बढ़ गये
आँख खोल कर देखो तो, हम कितनी आगे यार बढ़ गये
काले घन्धे वाले सेठ बढ़ गये, घोटालों के वेट बढ़ गये
चोरी बढ़ी डकैती बढ़ी अपह्ररण बढ़े बल्लातकार बढ़ गये
आँख खोल कर देखो तो, हम कितनी आगे यार बढ़ गये
काले घन्धे वाले सेठ बढ़ गये, घोटालों के वेट बढ़ गये
दलालों के रेट बढ़ गये, नेताओं के पेट बढ़ गये
वो तब भी कमाते थे, वो अब भी कमाते हैं
हमारी फूट गई गुल्लकें, उनके विदेशों में खाते हैं
उनकी नकदी बढ़ी, हमारे उधार बड़ गये
आँख खोल के देखो तो
हम कितने आगे यार बड़ गये???
हमारी फूट गई गुल्लकें, उनके विदेशों में खाते हैं
उनकी नकदी बढ़ी, हमारे उधार बड़ गये
आँख खोल के देखो तो
हम कितने आगे यार बड़ गये???
- शांति स्वरुप अनाड़ी
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